राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपती मुर्मू - जनजाति वर्ग के विकास में मील का पत्थर- पेसा एक्ट

राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपती मुर्मू – जनजाति वर्ग के विकास में मील का पत्थर- पेसा एक्ट

राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपती मुर्मू - जनजाति वर्ग के विकास में मील का पत्थर- पेसा एक्ट

जनजातीय समाज एवं वंचित वर्ग के विकास और सशक्तिकरण मे मध्यप्रदेश के योगदान के लिए राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपति मुर्मू द्वारा सराहना की गई मध्यप्रदेश में जनजाति महापुरुषों की स्मृति को बनाए रखने और भावी पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए किए जा रहे कार्यों की राष्ट्रपति द्वारा सराहना की गई तथा इसके लिए राष्ट्रपति द्वारा राज्यपाल श्री मंगू भाई पटेल एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बधाई भी दी 

राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू ने कहा मध्यप्रदेश में समृद्ध जनजाति विरासत की उपस्थिति है देश के 10करोड़ जनजाति संख्या में सर्वाधिक डेढ़ करोड़ जनजाति आबादी मध्यप्रदेश में निवास करती है

मध्य प्रदेश के जनजाति नायकों में किशोर सिंह रानी फूल कुमार सीताराम कुआं महुआ फूल शंकर शाह रघुनाथ शाह आदि ने न्याय के लिए अपना सब कुछ बलिदान कर दिया इसी तरह 16वीं शताब्दी में रानी दुर्गावती ने अपने सम्मान और गौरव को बनाए रखने के लिए अपना बलिदान दिया उसके 300 वर्षों के बाद उनके ही वंश के शंकर शाह और रघुनाथ शाह ने देश के लिए  अपने प्राण त्यागी उन्होंने कहा मध्यप्रदेश में  जनजातीय समुदाय अपने विशिष्ट कार्यों में माहिर हैं जैसे बैगा जनजाति अपनी परंपरागत जड़ी बूटियों की ज्ञान एवं उपचार के लिए प्रसिद्ध है हमें इनकी इन्हीं विशेषताओं को जागृत करते हुए इन्हें व्यापक प्रचार दिलाने की कोशिश करना चाहिए

मध्य प्रदेश के चंबल ,मालवा ,बुंदेलखंड ,बघेलखंड, महाकौशल क्षेत्रों की सांस्कृतिक विरासत को समृद्धि बनाने में जनजाति समुदाय का सराहनीय योगदान रहा है राष्ट्रपति ने कहा कि सितंबर माह में  बैगा परंपराओं पर आधारित फिल्म  “मांदाल की  बोल”को पुरस्कृत करने का मौका मिला जोकि मध्य प्रदेश के बैगा जनजाति से संबंधित थी कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित जनजाति समुदाय के लोगों को राष्ट्रपति द्वारा धन्यवाद प्रदान किया गया तथा जनजाति गौरव दिवस के सराहनीय आयोजन के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल को बधाई दी गई

राज्यपाल श्री मंगू भाई पटेल ने कहा पेसा एक्ट जनजाति वर्ग को आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण प्रदान करेगा

राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपती मुर्मू - जनजाति वर्ग के विकास में मील का पत्थर- पेसा एक्ट

पेसा एक्ट के लागू होने से ग्राम सभा सशक्त होंगी तथा नए नियमों के आधार पर जल , जमीन और जंगल का प्रबंधन ग्राम सभाओं के द्वारा किया जा सकेगा छोटे-मोटे स्थानीय विवादों का निराकरण , स्वास्थ्य संबंधी सहूलियत उपलब्ध कराने की जिम्मेदारियां , स्कूल ,आंगनवाड़ी , स्वास्थ्य केंद्रों की मॉनिटरिंग , नशीले पदार्थों पर नियंत्रण जैसी अनेक व्यवस्थाओं को सीधे ग्राम सभाओं के माध्यम से संचालित किया जा सकेगा |

राज्यपाल श्री पटेल के द्वारा कहा गया कि राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपती मुर्मू ने सामान्य जनजाति परिवार से देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचकर सबके लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया है राज्यपाल ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के प्रयासों से देश में ग्राम स्वराज्य की अवधारणा मूर्त रूप ले रही है जिसमें सबका विकास और सामाजिक न्याय समाहित है 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा पेसा एक्ट के नए नियम जनजाति समुदाय को बनाएंगे सशक्त

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा आज का दिन सामाजिक क्रांति का दिन है जब जनजाति वर्ग को जल जंगल और जमीन के अधिकार उपलब्ध कराए जाएंगे पेसा एक्ट के नए नियमों को सामाजिक समरसता के साथ मध्यप्रदेश में लागू किया जाना पहली प्राथमिकता है

 मुख्यमंत्री ने कहा पेसा एक्ट के नए नियमों के अनुसार हर साल पटवारी को गांव जमीन का नक्शा खसरा नकल गांव में लाकर ग्राम सभा में दिखाने होंगे जिससे रिकॉर्ड में कोई गड़बड़ी न कर सके गड़बड़ी होने पर ग्रामसभा को उसे सुधार करवाने का अधिकार होगा किसी योजना के लिए जमीन ग्राम सभा की अनुमति के बगैर नहीं ली जा सकेगी कोई भी व्यक्ति छल कपट करके धर्मांतरण आदि करवाकर गांव की जमीन हड़प नहीं पाएगा यदि ऐसा होता है तो ग्रामसभा को उसे वापस करवाने का अधिकार होगा

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा अब ग्राम सभाओं को यह अधिकार होगा

 मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा अब ग्राम सभाओं को यह अधिकार होगा की संबंधित गांव में रेत खदान गिट्टी पत्थर के ठेके किस आधार पर देने हैं या नहीं देनी ग्राम सभा के द्वारा तय किया जाएगा पेसा एक्ट लागू होने पर ग्राम सभा तालाबों का प्रबंधन इसमें मत्स्य पालन सिंघाड़े की खेती आदि की सहमति प्रदान कर सकेगा 100 एकड़ सिंचाई क्षमता के तालाबों का प्रबंधन वन उपज का संग्रहण एवं न्यूनतम मूल्य निर्धारण करने का अधिकार भी ग्रामसभा के पास होगा जनजाति समुदाय वनोपज का संग्रहण करेंगे और बेचने का कार्य भी इन्हीं के द्वारा किया जाएगा मुख्यमंत्री श्री चौहान के द्वारा आगे कहा गया कि मनरेगा के पैसे से कौन सा कार्य कराया जाए जिससे कि यथा उचित विकास कार्य संपन्न हो सके इसका फैसला भी ग्रामसभा के द्वारा ही किया जाएगा मनरेगा में हुए कार्य का मस्टररोल भी ग्राम सभा देखेगी यदि ग्राम से मजदूरों को बाहर ले जाना हो तो पहले इसकी जानकारी ग्राम सभा को देनी होगी गांव में बाहर से आने वाले व्यक्तियों की जानकारी भी ग्रामसभा को उपलब्ध कराई जाएगी इस एक्ट के लागू होने के बाद जनजाति क्षेत्रों में सिर्फ लाइसेंस प्राप्त साहूकार ही निर्धारित ब्याज दर पर पैसा उधार देने का कार्य कर सकेंगे अधिक ब्याज लेने पर कार्यवाही करने का अधिकार ग्राम सभा के पास होगा इस चित्र में लागू योजनाओं में प्राथमिकता तय करने का कार्य ग्राम सभाओं के द्वारा किया जाएगा क्षेत्र की शराब दुकानों को हटाने की अनुशंसा भी संबंधित क्षेत्र की ग्राम सभा के द्वारा की जा सकती है 

मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा बताया गया पेसा एक्ट कोऑर्डिनेटर बनाए जाएंगे तथा आगामी 20 दिसंबर से विशेष यात्राएं निकाली जाएंगी जो 4 जनवरी को इंदौर के पातालपानी में भगवान बिरसा मुंडा के बलिदान दिवस पर संपन्न होंगी 

Leave a Reply

Your email address will not be published.