वेयरहाउस  संचालक पर 33 लाख की रिकवरी पर हाईकोर्ट की रोक-जबलपुर

वेयरहाउस  संचालक पर 33 लाख की रिकवरी पर हाईकोर्ट की रोक-जबलपुर

वेयरहाउस  संचालक पर 33 लाख की रिकवरी पर हाईकोर्ट की रोक,
वेयरहाउस  संचालक पर 33 लाख की रिकवरी पर हाईकोर्ट की रोक

नमी के कारण धान का वजन हुआ था कम 

जबलपुर. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में दायर याचिका मनोज ममता असाटी निवासी सिहोरा के द्वारा मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर में याचिका दायर की गई थी  जिसमें उनके वेयरहाउस में धान रखी थी जो कि नमी के कारण कम मात्रा में पाई गई शासन के द्वारा लगभग 33.38.926 रुपए की उनके खिलाफ रिकवरी निकाली गई थी जिसे माननीय हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है   एवं आवेदक गणों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है.

आवेदक का पक्ष एडवोकेट सत्येंद्र ज्योतिषी ने रखते हुए न्यायालय के समक्ष यह बतलाया की आ वेदिका का वेयरहाउस  प्रखर वेयरहाउस धनगवा में स्थित है  जिसमें 2019 एवं 2020 में धान का भंडारण किया गया था.

उनके वेयरहाउस में धान रखी गई थी  उस समय धान की नमी 15 एवं 16 प्रतिशत पाई गई थी  परंतु जब 2 साल के बाद उनके वेयरहाउस से धान निकाली गई तब नमी सूखते हुए 9.5 एवं 10.2% पाई गई जिससे प्रबंधक वेयरहाउस एवं लॉजिस्टिक कॉरपोरेशन सिहोरा  एवं डिस्ट्रिक्ट मार्केटिंग ऑफिसर कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन जबलपुर के द्वारा उन पर लगभग 18.05160 एवं 15.33.766 कुल 33 लाख 38 हजार 926 रूपए की वसूली का नोटि दिनांक 14 /9/ 2022 को जारी किया था.

मध्य प्रदेश एग्रीकल्चर वेयरहाउस एक्ट 1947 की धारा 20 के तहत आप वेयरहाउस के मालिक पर किसी भी प्रकार के वजन की कमी पर दोषी नहीं ठहरा सकते   ना उस पर किसी प्रकार की पेनल्टी लगा सकते हैं इस तरह नियम विरुद्ध तरीके से आवेदक के विरुद्ध इतनी बड़ी राशि की रिकवरी करना विधि विरुद्ध है.

शासन के नियमों के अनुसार धान की नमी सिर्फ 2% ही कमी मान्य की जाती है जोकि न्याय के सिद्धांत के अनुरूप नहीं है क्योंकि वेयरहाउस में अधिक समय तक धान रखें रहने पर  सुखद  के कारण उसमें नमी आ जाती है जिस कारण धान का वजन कम हो जाता है इस तरह से आवेदक के ऊपर रिकवरी करना प्रकृति के न्याय के सिद्धांत के विपरीत है

मध्यप्रदेश में वेयरहाउस मालिक एवं सरकार के बीच में जो अनुबंध होता है उसमें सामूहिक रूप से दोनों का दायित्व होता है इस तरह आप अकेले वेयरहाउस मालिक को दोषी नहीं ठहरा सकते है   माननीयन्यायालय ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए कटौती आदेश दिनांक 14 /9/ 2022 नजर p5 एवं अनेकजर p/6    पर 33.38.926 रुपए की वसूली राशि पर रोक लगाते हुए अन आवेदक गणों को नोटिस जारी किया है एवं प्रकरण की सुनवाई दिसंबर माह में नियत की है प्रकरण में आवेदक का पक्ष एड सत्येंद्र ज्योतिषी  ने रखा है.

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