स्मार्ट सिटी और सांची दुग्ध संघ के सहयोग से 21 करोड़ की लागत से जबलपुर में बन रहा महाकौशल का पहला सीएनजी प्लांट

स्मार्ट सिटी और सांची दुग्ध संघ के सहयोग से 21 करोड़ की लागत से जबलपुर में बन रहा महाकौशल का पहला सीएनजी प्लांट

स्मार्ट सिटी और सांची दुग्ध संघ के सहयोग से 21 करोड़ की लागत से जबलपुर में बन रहा महाकौशल का पहला सीएनजी प्लांट
सीएनजी प्लांट प्रतीकात्मक चित्र

परियट की डेरियों से निकलने वाले अपशिष्ट का होगा वैज्ञानिक तरीके से निष्पादन ,संस्कारधानी के लिए बड़ी सौगात साबित होगी शहर से लगे पनागर क्षेत्र के परियट परिक्षेत्र में चल रही डेरियों के गोबर और उसके कारण क्षेत्र में दुर्गन्ध के वातावरण से वहॉं के निवासी एवं राहगीरों को जल्द ही छुटकारा मिल सकेगा। गोबर के समुचित सदुपयोग को दृष्टिगत रखते हुए स्मार्ट सिटी जबलपुर एवं सॉंची दुग्ध संघ के अधिकारियों की सहमति उपरांत सॉंची दुग्ध संघ परिसर में महाकौशल का पहला 21 करोड़ रूपये की लागत से नया बायो सी.एन.जी. प्लांट लगाने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। उक्त कार्य स्मार्ट सिटी के चेयरमेन एवं कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी., नगर निगम जबलपुर आयुक्त सह कार्यकारी निदेशक स्मार्ट सिटी लिमिटेड आशीष वशिष्ठ, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड, श्रीमति निधि सिंह राजपूत, एवं सी.ई.ओ. जबलपुर सहकारी दुग्धसंघ मर्यादित (सांची) डी.पी. सिंह की पहल पर जबलपुर संस्कारधानी को ये बड़ी सौगात मिलने जा रही है। 

इस संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड, श्रीमति निधि सिंह राजपूत ने बताया कि जबलपुर स्मार्ट सिटी द्वारा जबलपुर दुग्ध संघ (सांची) के साथ मिलकर बायो सी.एन.जी. प्लांट स्थापित किया जा रहा है, जिसका निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है। सी.ई.ओ. श्रीमती राजपूत ने बताया कि यह प्लांट मई 2023 तक पूर्ण होगा जिससे लगभग 150 टन गोबर प्रतिदिन उपयोग में लाया जायेगा एवं 2400 किलो प्रतिदिन की बायो सी.एन.जी. गैस उत्पादित होगी। उन्होंने बताया कि प्लांट तैयार किये जाने हेतु एजेंसी का चयन सांची द्वारा किया जाकर वर्कऑर्डर जारी किया जा चुका है एवं कंपनी द्वारा कार्य भी तेजगति से प्रारंभ कर दिया है। उन्होंने बताया कि यह प्लांट महाकौशल क्षेत्र का पहला बायो सी.एन.जी. प्लांट होगा जिससे निश्चय ही डेयरियों से निकलने वाले गोबर से होने वाले प्रदूषण से मुक्ति की दिशा में सकारात्मक कदम रहेगा तथा इस संयंत्र की स्थापना से मॉं नर्मदा एवं सहायक नदी परियट में मिलने वाले गोबर को जल में मिलने से रोका भी जा सकेगा साथ ही क्षेत्र के पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकेगा, इसके अलावा भारत सरकार द्वारा संचालित स्वच्छ भारत मिशन के अभियानों को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि प्लांट निर्माण के लिए माह सितम्बर 22 में ही कम्पनी के साथ एग्रीमेंट किया गया था कम्पनी द्वारा कार्यो में रूचि लेते हुए माह अक्टूबर 22 से ही तेजगति से कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही संस्कारधानी के नागरिकों को महाकौशल का पहला और व्यवस्थित बायो सी.एन.जी. गैस प्लांट की सौगात मिलेगी।

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