तेंदुए की खाल ले जा रहे थे तस्कर, पुलिस ने घेराबंदी कर दबोचा

पनागर पुलिस ने कार्रवाई कर, वाईल्ड लाइफ कंट्रोल ब्यूरो को दी जानकारी

तेंदुए की खाल ले जा रहे थे तस्कर, पुलिस ने घेराबंदी कर दबोचा
तेंदुए की खाल ले जा रहे थे तस्कर, पुलिस ने घेराबंदी कर दबोचा

JABALPUR NEWS । पनागर थानांतर्गत बम्नौदा बायपास के पास पुलिस ने तेंदुए की खाल ले जा रहे दो तस्करों को दबोच लिया। दोनों ही तस्कर बड़ी ही चालाकी से अपने ठिकाने पर पहुंचने का प्रयास कर रहे थे, इसके लिए आगे-आगे एक गाड़ी रैकी करने में चल रही थी लेकिन वे पुलिस के जाल में फसने से नहीं बच सके। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज तस्करी में प्रयुक्त वाहन, मोबाइल और नगद रुपए जब्त कर लिए हैं।

 पुलिस ने बताया कि  बीती रात करीब 8 बजे मुखबिर से सूचना मिली कि बोलेरो क्रमांक एमपी 20 सीएच 4891 से मटामर खमरिया निवासी प्रतीक चौबे एक मटमैले थैले में तेंदूए की खाल ले जा रहा था। उसके आगे-आगे झगरा कटंगी में रहने वाला शंकर पटेल वेन क्रमांक एमपी 20 बीए 6569 से रैकी करते हुए आगे आ रहा है। सूचना के आधार पर पुलिस ने बम्नौदा चौराहा के पास खड़ी हो गई लेकिन दूर से शंकर ने पुलिस को देख लिया और तेज रफ्तार वाहन चलाकर वहां से भागने लगा। पुलिस ने पीछा कर घेराबंदी कर पहले शंकर को दबोचा और फिर प्रतीक को भी पकड़ लिया। इसके बाद जब प्रतीक के वाहन की तलाशी ली गई तो उसमें रखे थैले में तेंदूए की खाल बरामद हुई, जिसकी जानकारी तत्काल वाइल्ड लाइफ कंट्रोल ब्यूरो को भी दी गई। माप करने पर ज्ञात हुआ कि खाल की लंबाई 29 इंच और चौड़ाई 22 इंच है।

कटीले तारों में फसा था तेंदुआ

पुलिस ने जब प्रतीक और शंकर से पूछताछ की तो पता चला कि शंकर बीच में दलाली का काम करता है और उसने ही प्रतीक को जानकारी दी थी कि कुंडम के जमुनिया में रहने वाले विक्रम सिंह गौड के पास तेंदुए की खाल है, जिसे वह बेचने चाह रहा है। पुलिस ने रात को ही विक्रम के घर दबिश देकर जब उससे पूछताछ की तो उसने बताया कि उसने अपने खेत में लगी फसल को सुअरों से सुरक्षित रखने के लिए कंटीले तार लगाए थे लेकिन उसने तेंदुआ फस गया और उसकी मौत हो गई। जिसके बाद उसने तेंदुए की खाल उतारकर उसे प्रतीक को 3 हजार रुपए में बेच दिया।

कुत्ते को खिला दिया पंजा-नाखून, सिर

विक्रम ने पुलिस को बताया कि घटना करीब 30 से 40 दिन पुरानी है। तेंदूआ तार में फसने के बाद उसने उसके पंजे-नाखून और सिर कुत्ते को खिला दिए और खाल को सुखाकर अपने पास रख लिया। कुछ दिनों बाद उसने इसकी जानकारी अपने गांव आने वाले प्रतीक को दी और शंकर पटेल को रैकी के लिए लगाकर सुरक्षित खाल पहुंचाने क ा तरीका ढूंढने लगा। पुलिस इस एंगल पर भी जांच कर रही है कि तेंदुआ सच में तार में फसकर मरा या इन तीनों ने मिलकर उसका शिकार किया।

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