छठ पर्व की धूम ,संस्कारधानी सजी दुल्हन सी - जबलपुर

छठ पर्व की धूम ,संस्कारधानी सजी दुल्हन सी – जबलपुर

छठ पर्व की धूम ,संस्कारधानी सजी दुल्हन सी - जबलपुर
छठ पर्व जबलपुर

जबलपुर। 28 अक्तूबर 2022 से संस्कारधानी में छठि मईया की धूमधाम से पूजा पाठ की शुरूआत हुई है जो आज भगवान सूर्य देव को अर्घ्य देकर छठि मईया की पूजा की गयी। संस्कारधानी के सभी चिन्हित 18 पूजा स्थलों, नर्मदा तटों एवं तालाबों पर सोना सट कुनिया, हो दीनानाथ, कॉंच ही बॉंस की बहंगिया, बंहगी लचकत जाये छठि मईया के गीतों की धुन से गुंजायमान के बीच संस्कारधानी जबलपुर के महापौर जगत बहादुर सिंह ‘‘अन्नू’’ नाम के अनुरूप संस्कारों और आस्था के साथ छठि मईया पूजा की दउरा लेकर नर्मदा तटों के अलावा अन्य पूजा स्थलों पर भी पहुॅंचे। 

महापौर जगत बहादुर सिंह ‘‘अन्नू’’ के द्वारा ग्वारीघाट, उमाघाट, गुलौआताल, मॉनेगॉंव अधारताल, हनुमानताल के साथ-साथ अन्य पूजा स्थलों पर पहुॅंचकर भगवान सूर्य देव और छठि मईया की पूजा में शामिल होकर उनकी अराधना की और संस्कारधानी के समस्त नागरिकों तथा छठि मईया के व्रतधारी और उनके परिवार की खुशहाली, बेटे और पति की लंबी आयु और मनोकामनाओं का पूर्ति के लिए प्रार्थना की। 

महापौर जगत बहादुर सिंह ‘‘अन्नू’’ के द्वारा रातभर छठि मईया के पूजा स्थलों का भ्रमण किया गया और छठि मईया एवं भगवान सूर्य देव से संस्कारधानी की खुशहाली के लिए पूजन अर्चन की गयी। इस अवसर पर महापौर ने उत्तर प्रदेश बिहार महासंघ के सभी पदाधिकारियों के साथ-साथ छठि मईया की पूजा करने वाले सभी व्रतधारियों एवं उनके परिवारजनों को छठि मईया महापर्व की ढेरसारी शुभकामनाएॅं दी। 

छठ पूजा का पहला दिन- नहाय-खाय

उल्लेखनीय है कि छठि मईया का पर्व 28 अक्टूबर से प्रारंभ है, पहले दिन को नहाय खाय के तौर पर मनाया गया। छठ पूजा के पहले दिन पूरे घर की साफ सफाई की गयी। फिर स्नान करके साफ भोजन बनाया गया। भोजन ग्रहण करने के बाद व्रत की शुरुआत की गयी। मान्यता के मुताबिक छठ का उपवास करने वाले व्रतधारी कद्दू की सब्जी, चने की दाल और चावल का सेवन करते हैं। 

छठ पूजा का दूसरा दिन- खरना

कार्तिक शुक्ल की पंचमी तिथि यानी दूसरे दिन खरना मनाया गया। इस दिन व्रत करने वाले लोग पूरे दिन उपवास किये और शाम में भोजन ग्रहण कर विश्राम किये। खरना के मौके पर प्रसाद के रूप में गन्ने के रस से बनी चावल की खीर, चावल का पिठ्ठा और घी चुपड़ी रोटी बनाई गयी जिसे प्रसाद स्वरूप सभी को वितरित किया गया। 

छठ पूजा का तीसरा दिन- संध्या अर्घ्य

छठ पूजा के तीसरे दिन आज सूर्य देव की पूजा हुई और घाटों पर व्रतधारियों के द्वारा शाम के समय डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया गया। आज के दिन प्रसाद में ठेकुआ चढ़ाया गया। शाम को बांस की टोकरी में अर्घ्य का सूप सजाया गया वहीं सूर्यास्त के समय उपवास रखने वाले नर्मदा नदी, तालाबों के किनारे एकत्र होकर समूह में सूर्य भगवान को अर्घ्य देकर पूजन अर्चन किया गया।  सूर्य देव को दूध और जल का अर्घ्य देने के साथ छठी मैया की प्रसाद भरे सूप से पूजा की गयी। 

छठ पूजा का चौथा दिन- उषा अर्घ्य

कल सोमवार को प्रातः उगते हुए भगवान सूर्य देव को अर्घ्य देकर व्रतधारी छठ पूजा का समापन करेगें। इस संबंध में व्रतधारियों ने बातया कि कल सुबह भी संध्या अर्घ्य की तरह की दोहराई जायेगी और सूर्य भगवान को अर्घ्य देकर भगवान से सभी की मनोकामना पूर्ण करने की प्रार्थना के साथ समापन किया जायेगा। इसके पश्चात कच्चे दूध का बना शरबत पीकर उपवास व्रतधारियों के द्वारा खोला जायेगा। 

इस महापर्व के लिए नगर निगम द्वारा महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू के निर्देशानुसार शहर के सभी चिन्हित पूजा स्थलों पर विशेष साफ-सफाई एवं प्रकाश व्यवस्था कराई गयी, जिससे व्रतधारियों को पूजन अर्चन करने में कहीं कोई कठिनाईयों का सामना नहीं करना पड़ा। संघ के सभी पदाधिकारियों ने निगम प्रशासन के साथ-साथ महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू के लिए उत्तम व्यवस्था के लिए आभार व्यक्त किया गया।

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