MPTET वर्ग 3 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में पदों की संख्या 51 हजार करने महा आंदोलन

मध्यप्रदेश में MPTET वर्ग 3 अभ्यार्थी पदों की संख्या बढ़ाने के लिए महा आंदोलन करने जा रहे हैं अभ्यार्थी ने 51 हजार पदों पर प्रक्रिया आयोजित करने के लिए आंदोलन शुरू कर दिया है पदों में वृद्धि के लिए नवंबर माह में दो बड़े आंदोलन एवं रैलियां आयोजित की जा चुकी है और इसी संबंध में आगे बड़े आंदोलन आयोजित किए जाने की घोषणा की है अभ्यर्थियों का कहना है कि यह मध्य प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा आंदोलन होगा और इस आंदोलन को मामा श्री मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भुला नहीं पाएंगे।
MPTET वर्ग 3 भर्ती प्रक्रिया 17 नवंबर 2022 से प्रारंभ

2022 में आयोजित एमपी टीईटी वर्ग 3 शिक्षक पात्रता परीक्षा लगभग सवा लाख अभ्यर्थियों द्वारा पास की गई दी गई । अब 17 नवंबर 2022 से वर्ग 3 भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है अभ्यर्थियों का कहना है की यह प्रक्रिया 51 हजार पदों पर आयोजित की जाना चाहिए परंतु सरकार द्वारा 18527 पदों पर भर्ती प्रक्रिया आयोजित कर रही है 51 हजार पदों पर भर्ती के लिए अभ्यर्थियों द्वारा रैलियों का आयोजन किया जा रहा है और प्रदेश सरकार से मांग की जा रही है कि एमपीटीईटी भर्ती प्रक्रिया 51000 पदों पर आयोजित की जाए ।
अभ्यर्थियों का यह भी कहना है कि सरकार जितनी भी भर्ती प्रक्रिया आयोजित कर रही है सभी को कोर्ट में उलझा देती है जिससे प्रक्रिया 5 से 6 सालों में पूर्ण हो रही हैं इन सब के कारण मुसीबत अभ्यार्थियों को भुगतना पड़ रही है सरकार की युवाओं को रोजगार देने की कोई मंशा नहीं है वह सिर्फ अभ्यार्थियों से फॉर्म भरवा कर उनकी मेहनत और पैसे और कीमती समय को बर्बाद करने में लगी हुई है सरकार द्वारा हर वर्ग के अभ्यर्थी को ठगा गया है और सरकार अभ्यर्थियों को लगातार ठगने का कार्य कर रही है यह किसी भी अभ्यर्थी को कोई रोजगार नहीं देना चाहती इन्हीं सब मांगों के साथ अभ्यार्थी लगातार बड़े बड़े आंदोलनों का आयोजन कर रहे हैं।
पद वृद्धि कर 51 हजार करने में तकनीकी पेंच
अभ्यर्थियों द्वारा 2 एवं 9 नवंबर 2022 को इसी तारतम्य में आंदोलन आयोजित किए गए थे परंतु इस आंदोलन से अभ्यार्थियों को कोई लाभ होगा इस पर संशय बना हुआ है क्योंकि सरकार द्वारा इस मामले में लापरवाही पूर्ण रवैया अपनाया हुआ है पदों की संख्या में वृद्धि हो इस पर तकनीकी पेंच फंसा हुआ है अभी स्कूल शिक्षा विभाग और आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा कुल 18527 पदों पर भर्ती प्रक्रिया आयोजित की जा रही है परंतु दोनों विभागों में कुल 1 लाख 75 हजार पद खाली है जिनमें से आदिम जाति कल्याण विभाग में 49567 तथा स्कूल शिक्षा विभाग1 लाख 25 हजार पद है इनमें से आदिम जाति कल्याण विभाग 11098 पदों पर तथा स्कूल शिक्षा विभाग 7429 पदों पर भर्ती प्रक्रिया आयोजित कर रहा है इतने अधिक पद उपलब्ध होने पर भी इतनी कम पदों पर भर्ती प्रक्रिया आयोजित की जा रही है उसका मुख्य कारण सरकार एवं विभाग की लापरवाही है या यह कहें कि यह सब जानबूझकर किया गया है मध्यप्रदेश में 4 अगस्त 2019 में सीधी भर्ती प्रक्रिया पर सरकार द्वारा रोक लगा दी गई थी परंतु 14 अगस्त 2021 को सरकार द्वारा यह रोक हटा ली गई तथा सरकार ने सभी विभागों को अपने स्तर पर 5% पदों पर खुद भर्ती करने की अनुमति प्रदान की जैन में पदोन्नति के पद भी शामिल किए गए परंतु यह भी कहा गया जिन विभागों को 5% से अधिक पदों पर भर्ती करना है उन्हें वित्त विभाग से अनुमति लेनी होगी उस समय आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा सही समय पर वित्त विभाग से 49567 पदों के विरुद्ध 1198 पदों की अनुमति ले ली गई इसके विपरीत स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा घोर लापरवाही करते हुए 5% से अधिक पदों पर वृद्धि के लिए वित्त विभाग से कोई अनुमति प्राप्त नहीं की जिसका नतीजा यह है कि आज 1 लाख 25 हजार पद खाली होते हुए भी स्कूल शिक्षा विभाग मात्र 7429 पदों पर भर्ती प्रक्रिया कर रहा है इस विषय पर जिम्मेदार अधिकारी एवं संबंधित मंत्री बात करने तैयार नहीं है ऐसी स्थिति में बहुत कम संभावना नजर आती है कि विद्यार्थियों द्वारा किए जा रहे आंदोलन का कोई सकारात्मक परिणाम सामने आए