9 साल की श्रीकृष्ण भाव नंदिनी से श्रीमद् भागवत कथा सुनने लग रही श्रद्धालुओं की अपार भीड़- जबलपुर
![9 साल की श्रीकृष्ण भाव नंदिनी से श्रीमद् भागवत कथा सुनने लग रही श्रद्धालुओं की अपार भीड़- जबलपुर श्रीमद् भागवत कथा वाचिका श्री कृष्ण भाव नंदिनी](https://lokhit24.com/wp-content/uploads/2022/11/20221117_210803-1024x572.jpg)
श्रीमद् भागवत कथा वाचिका श्री कृष्ण भाव नंदिनी जिन्हें भागवत कथा कंठस्थ है और संस्कृत के बड़े-बड़े श्लोक को जब वचन करती हैं तो श्रद्धालु मगन भाव होकर सिर्फ सुनते ही रह जाते हैं और श्रद्धा भाव में खोए रहते हैं 9 साल की उम्र में श्री कृष्ण भाव नंदिनी की ख्याति पूरे महाकौशल क्षेत्र में फैल चुकी है जब श्रीमद् भागवत कथा का वाचन करती हैं और उनके भाव अर्थों को प्रस्तुत करती हैं तो लोग भक्ति के रस में डूब जाते हैं श्री कृष्ण भाव नंदिनी जबलपुर की रहने वाली है और यह 7 साल की उम्र से कथा वाचन कर रही हैं जिसके लिए उन्होंने भगवान श्री कृष्ण को धन्यवाद दिया है और वे इसे श्री कृष्ण की असीम अनुकंपा मानती है जिसके कारण उन्हें श्रीमद् भागवत कथा कंठस्थ हो चुकी है और भी बहुत ही सहज तरीके से अपने श्रोताओं समक्ष कथा के भावार्थ को प्रस्तुत कर देती हैं श्री कृष्ण भाव नंदिनी के प्रेरणा स्रोत उनके पिता श्री शैलेंद्र शर्मा जी हैं इनके पिता ने इन्हें श्रीमद् भागवत कथा की राह दिखाई और उसी राह में आगे बढ़ते हुए श्री कृष्ण भगवान की असीम कृपा प्राप्त कर 2020 से श्री कृष्ण भाव नंदिनी भागवत कथा का वाचन कर रही है इनका कहना है कि सभी को श्रीमद् भागवत कथा सुनना चाहिए तथा अपने जीवन में उनकी अर्थों को अपनाकर सच्ची राह चलना चाहिए श्रीमद् भागवत कथा सुनने से सभी का कल्याण होता है पता नहीं किसका जीवन कब तक है इसीलिए सभी को इस कथा को सच्चे भाव से सुनना और अपने जीवन में ग्रहण करना चाहिए
जबलपुर की 9 साल की श्री कृष्ण भाव नंदिनी
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जब कथा वाचन करती हैं तो हर कोई उनका कायल हो जाता है और उनके भक्ति भाव में भाव विभोर हो जाता है श्रीकृष्ण नंदिनी की पिता भी व्यासपीठ से कथा वाचन करते हैं घर में धर्म और अध्यात्म का माहौल पाकर श्री कृष्ण भाव नंदिनी श्रीमद् भागवत कथा वाचन का अभ्यास करते हुए आज परिपक्वता के साथ संस्कृत श्लोक का वाचन बहुत विश्वास के साथ करती हैं वह भी अपने पिता की राह पर चल पड़ी है और अपने अभ्यास से इस दिशा में अपने को पारंगत बना लिया है
श्री कृष्ण भाव नंदिनी की माता ने बताया कि पिता को कथा वाचन करते देखते हुए नंदिनी भी उनके साथ अभ्यास करती थी तथा लॉकडाउन के समय निरंतर 8 से 10 घंटे के अभ्यास से उन्होंने श्री कृष्ण श्रीमद् भागवत को कंठस्थ किया और फिर बाद में वृंदावन से गुरु दक्षिणा एवं अभ्यास करवाया गया उसके बाद से श्री कृष्ण भाव नंदिनी श्रीमद् भागवत कथा का वाचन लगातार करते जा रही हैं और अनेक जगहों पर उनकी कथा की कार्यक्रम रखे गए हैं जबलपुर शहर आसपास के क्षेत्रों में श्री कृष्ण भाव नंदिनी से कथा करवाने के लिए होड़ लगी हुई है सभी उनसे कथा सुनना चाह रहे हैं