न्यू पेंशन स्कीम NPS बनाम ओल्ड पेंशन स्कीम OPS मध्यप्रदेश में बड़ा चुनावी मुद्दा

न्यू पेंशन स्कीम NPS बनाम ओल्ड पेंशन स्कीम OPS मध्यप्रदेश में बड़ा चुनावी मुद्दा

न्यू पेंशन स्कीम NPS बनाम ओल्ड पेंशन स्कीम OPS मध्यप्रदेश में बड़ा चुनावी मुद्दा
ओल्ड पेंशन स्कीम मध्यप्रदेश में बनी चुनावी मुद्दा

मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार ने विधानसभा में यह साफ कर दी है कि भले ही कांग्रेस ओल्ड पेंशन स्कीम को चुनावी मुद्दा बनाने में लगी हो , परंतु उसे इसकी अधिक परवाह नहीं है ।

मध्य प्रदेश में सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की कोई योजना विचाराधीन नहीं है यह कांग्रेस विधायक रविंद्र सिंह तोमर , सुरेश राज और भाजपा विधायक दिनेश राय मुनमुन की ओर से पूछे गए प्रश्न के उत्तर में जानकारी दी गई ।

वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा की ओर से भी कहा गया कि सरकार  OPS को लागू करने के लिए किसी भी प्रकार का कोई प्रस्ताव नहीं ला रही है वित्त मंत्री ने कहा की 1 जनवरी 2005 के बाद नियुक्त हुए मध्य प्रदेश सरकार के कर्मचारियों को न्यू पेंशन स्कीम का लाभ मिल रहा है जैसा कि 13 अप्रैल 2015 को आदेश जारी किया गया था वित्त मंत्री द्वारा दिए गए जवाब में बताया गया कि राज्य के 4,83,332 कर्मचारी ,अधिकारी को एनपीएस NPS के तहत पंजीकृत किया गया है

2023 में सरकार बनने पर देंगे ओल्ड पेंशन स्कीम OPS का फायदा – कमलनाथ

कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट के माध्यम से कहा है यदि 2023 में कांग्रेस की सरकार बनती है तो ऑफिस को दोबारा लागू किया जाएगा सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन जिसे सरकार ने रोक दिया मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही लागू की जाएगी

एनपीएस रिटायरमेंट लाइफ के लिए पर्याप्त नहीं

नेशनल मूवमेंट आरपीएफ के बैनर तले सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रही हैं इनका कहना है कि न्यू पेंशन स्कीम उनकी रिटायरमेंट नाइट के लिए पर्याप्त नहीं है

मध्यप्रदेश में ओल्ड पेंशन स्कीम एक बड़ा चुनावी मुद्दा बन चुका है तथा कांग्रेसी अपने पक्ष में भुनाने का प्रयास कर रही है हाल ही में हिमाचल प्रदेश में भाजपा की हार और कांग्रेस की जीत में ओल्ड पेंशन स्कीम जिसको देने का वादा कांग्रेस ने किया था जीत का एक कारण बताया जा रहा है कांग्रेसमें हिमाचल प्रदेश में इपीएफ दोबारा चालू करने का वादा किया था अभी हाल ही में पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने भी एपीएस लागू करने का ऐलान किया है राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ में भी पुरानी पेंशन स्कीम लागू हो चुकी है जिस तरह राज्य में होने वाले चुनाव में एनपीएस बनाम ओ पी एस मुद्दा उभर कर आ रहा है उससे लग रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव में भी यह एक बड़ा मुद्दा रहेगा जोकि मोदी सरकार को परेशान कर सकता है

क्या है ओल्ड पेंशन स्कीम

पुरानी पेंशन योजना यानी ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) के तहत साल 2004 से पहले कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित पेंशन मिलती थी जो कर्मचारी के रिटायरमेंट के समय उनके वेतन की 50% रकम के बराबर होती थी इस स्कीम में रिटायर हुए कर्मचारी की मौत के बाद उनके परिजनों को भी पेंशन दी जाती थी, इस स्कीम को 1 अप्रैल 2004 में बंद करके इसे राष्ट्रीय पेंशन योजना (National Pension Scheme) से बदल दिया गया है जिसमें अंशदान आधारित पेंशन की व्यवस्था की गई है

इस स्कीम के तहत कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय उनके वेतन की आधी राशि पेंशन के रूप में दी जाती है.

पुरानी पेंशन स्कीम में अगर रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी की मृत्यु हो जाए तो उनके परिजनों को पेंशन की राशि दी जाती है.

इस स्कीम में  पेंशन देने के लिए कर्मचारियों के वेतन से किसी भी तरह की कटौती नहीं होती है.

पुरानी पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट के समय कर्मचारियों की अंतिम बेसिक सैलरी का 50 फीसदी यानी आधी राशि तक पेंशन के रूप में दिया जाता है.

इस स्कीम में रिटायर्ड हुए कर्मचारी  को 20 लाख रुपये तक ग्रेच्युटी की रकम दी जाती है.

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