अमृत सरोवर योजना से बदलेगी ग्वालियर जिले की तस्वीर

अमृत सरोवर योजना से बदलेगी ग्वालियर जिले की तस्वीर 

अमृत सरोवर योजना से बदलेगी ग्वालियर जिले की तस्वीर
अमृत सरोवर योजना से बदलेगी ग्वालियर जिले की तस्वीर 

बरसात का पानी सहेजने के लिए बनाए जा रहे अमृत सरोवर से ग्वालियर जिले की तस्वीर बदल रही है ग्वालियर में इस वित्त वर्ष में 100 अमृत सरोवर बनाए जाने प्रस्ताव है जिनमें से 51 अमृत सरोवर बनकर तैयार हो चुके हैं ग्रामीण अंचल की तस्वीर बदल शुरू हो गई है इन अमृत सरोवर से खेती  सिंचाई बढ़ोतरी , जल संरक्षण और संवर्धन में भी निरंतर वृद्धि हुई है  अमृत सरोवर से जिले के जल स्तर में सुधार होने की संभावना है  मछली पालन हरी सब्जी उत्पादन सिंघाड़े उत्पादन की सुविधा भी उपलब्ध हो जाएगी 

अमृत सरोवर योजनाओं के अंतर्गत इन अमृत सरोवर के चारों तरफ औषधिदार फलदार एवं छायादार वृक्षारोपण से सुंदरीकरण करने संबंधी निर्देश कलेक्टर श्री कौशलेंद्र विक्रम सिंह द्वारा दिए गए हैं अमृत सरोवर परियोजना से सीधे तौर पर लगभग 912 हेक्टेयर सिंचाई रकवा बढ़ोतरी होने की संभावना है वही भूमि जल स्तर में सुधार होने पर सिंचाई साधनों के विकास की संभावना भी बनती है इस तरह अब तक लगभग 725 हेक्टेयर रकबा सिंचाई क्षमता बढ़ने की संभावना व्यक्त की गई है अमृत सरोवर का निर्माण महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना , एकीकृत जल प्रबंधन कार्यक्रम , जन सहयोग , 15वा वित्त आयोग की मिश्रित सहयोग से किया जा रही है 

इस वित्त वर्ष में ग्वालियर जिले में लगभग  ₹17.5 करोड़ की लागत से 100 अमृत सरोवर का निर्माण किया जाएगा जिनमें से 40 अमृत सरोवर वन विभाग द्वारा दी गई भूमि पर तथा शेष 60 अमृत सरोवर राजस्व विभाग द्वारा दी गई भूमि पर निर्मित किए जाएंगे

ग्वालियर जिला पंचायत से प्राप्त जानकारी के अनुसार मुरार विकासखंड में इस साल लगभग चार करोड़ 15 लाख रुपए की लागत से 21 अमृत सरोवर बनाए जाने की मंजूरी दी गई है जिनमें से 15 अमृत सरोवर का निर्माण हो चुका है तथा 6 अमृत सरोवर का निर्माण शेष है 

डबरा विकासखंड में 2 करोड़ ₹94 लाख की लागत से 23 स्वीकृत अमृत सरोवर में से 9 बनकर तैयार हो चुके हैं इसी तरह भितरवार विकासखंड में 12 सरोवर तैयार किए गए हैं कुल 24 अमृत सरोवर प्रस्तावित हैं जिन पर लगभग तीन करोड़ 40 लाख लागत आने की उम्मीद है सभी निर्मित सरोवर 2022 में हुई बारिश से पूर्णता: भरे हुए हैं इसका फायदा ग्रामीण अंचल को विविध तरीके से प्राप्त होगा तथा किसान सिंचाई एवं अन्य कार्यों में उन से फायदा उठा सकें

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