अतिक्रमण दल प्रभारी की मौत पर बवाल, कर्मी बोले प्रताड़ित करते हैं अधिकारी

अतिक्रमण दल प्रभारी की मौत पर बवाल, कर्मी बोले प्रताड़ित करते हैं अधिकारी

अतिक्रमण दल प्रभारी की मौत पर बवाल, कर्मी बोले प्रताड़ित करते हैं अधिकारी
मृतक का जीवित अवस्था का चित्र.

लोकहित24 जबलपुर. निगम अतिक्रमण दस्ता प्रभारी की अचानक हुई मौत पर बवाल हो गया है। जेएमसी कर्मचारियों ने इस मौत को सामान्य मानने से इंकार करते हुए साफ-साफ कह दिया है कि अधिकारी कर्मियों को प्रताड़ित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं, इसी प्रताड़ना को मुकेश सहन नहीं कर पाए और हार्ट अटैक आने से उनकी मौत हो गई। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि काम के अनावश्यक दबाव के चलते कई अन्य कर्मचारी भी तनाव में हैं और बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। मुकेश का शव नगर निगम में रखकर विरोध प्रदर्शन की तैयारी भी चल रही है। कर्मचारियों के आक्रोश को देखते हुए निगम मुख्यालय में पुलिस बल भी तैनात किया गया है।
जांच के कारण था तनाव
बताया जा रहा है कि मुकेश पारस मूलत सफाई संरक्षक थे लेकिन पिछले कई सालों से अतिक्रमण दस्ता में सेवाएं दे रहे थे। पिछले दिनों एक मामले में उनके खिलाफ एक जांच बैठी और फिर उन्हें मूल पद सफाई संरक्षक पर भेजने की कवायद भी शुरू कर दी गई। जिससे वे तनाव में थे, संभवत इसी तनाव को सहन न कर पाने के कारण बीती रात ह्दय गति रूकी और कुछ मिनटों में ही मौत हो गई।
मदन महल की पहाड़ी पर संभाली थी कमान
मुकेश पारस पिछले कई सालों से अतिक्रमण दस्ता में तैनात थे। शहर में कई ऐसे अतिक्रमण कारियो को भी उन्होंने खदेड़ा जो कि ताकत और रसूख के दम में अवैध कब्जा जमाए हुए थे। मदन महल की पहाड़ी से अतिक्रमण हटवाने में मुकेश की महत्वपूर्ण भूमिका रही। महीनो चली इस कार्रवाई में उन्होंने पूरे-पूरे दिन मोर्चा संभाला और कई विवाद मोल लिए।
आत्महत्या की भी अशंका
नगर निगम कर्मियों ने बताया कि कल यानि बुधवार को मुकेश को सेवा समाप्ति का नोटिस मिला था। जिसके बाद वह टेंशन में आ गया और गुप्तेश्वर स्थित निवासी अपने साले के घर चला गया। जहां अचानक उसकी तबियत बिगड़ी, परिजन आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले गए और बीच रास्ते में उनके मुंह से खून आया, मेडिकल पहुंचने के बाद चिकित्सकों ने परीक्षण के उपरांत उन्हें मृत घोषित कर दिया। नगर निगम परिसर में मुकेश की आत्महत्या की भी चर्चा है।
वर्जन
कर्मचारी बहुत ज्यादा तनाव में काम कर रहा है। इसी तनाव के चलते मुकेश की मौत हुई। हम सभी अधिकारियों की इस तानाशाही के विरोध में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पीएम के बाद उनका पार्थिव शरीर सीधे नगर निगम मुख्यालय लाया जाएगा।

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प्रदर्शन करते कर्मी

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